आबे हयात : ग़ज़ल संग्रह (1 Book 2) (Hindi Edition)
Sobre
दुनिया की तमाम शायरी पयम्बर है, तमाम दिलों की हसरतों की, बेइंतहा तमन्नाओं की, हर दिल की जुस्तजू की, हर जहन की गुफ़्तगू की.इसलिए ये जैसे ही उतरती है, सबकी हो जाती है. माशूक़ कोई हो, आशिक़ कोई हो क्या फर्क़, इश्क़ तो एक ही होता है, शिद्दत बदल सकती है, रंगत बदल सकती है. इसलिए जितना हक़ लेखक का है, उतना ही हक़ पाठक का भी. क्या पता, इसी रास्ते चलकर अनजाने वो अपने मनचाहे मुक़ाम पर पहुँच जाए या फिर सूफी शब्दों में कहीं इश्के-हकीकी बन जाये.
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